ब्लैक बॉक्स (Black Box) क्या होता हैं?
Black Box
Black box found at Air India crash site as families wait for answers
Black Box (ब्लैक बॉक्स) जहाज का एक महत्वपूर्ण पार्ट होता है ।जब जहाज अपनी उड़ान भरती है ब्लैक बॉक्स एक उड़ान डेटा रिकॉर्डर (Flight Deta Recorder-FDR )होता है । और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (cockpit voice recorder-cvr) का एक मेल होता है । जो जहाज और हेलिकाप्टर में लगा रहता है और इसका काम है जो भी गतिविधि जहाज व हेलीकॉप्टर में हो उसे रिकॉर्ड करना होता है ।जो महत्वपूर्ण डेटा जहाज क्रैश होने पर कलेक्ट कर के देता है । जिसे क्रैश का कारण का पता चलता है ।
ब्लैक बॉक्स (Black Box) में दो भाग होते है ।
1.उड़ान डेटा रिकॉर्डर (Flight Deta Recorder-FDR )
जो विमान की गति ऊंचाई ईंधन इंजन की स्थिति तथा अन्य तकनीकी खराबी को रिकॉर्ड करता है ।
2.कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (Cockpit Voice Recorder-cvr)
ये कॉकपिट में होने वाली सभी बातचीत रेडियो संचार तथा अलार्म अलर्ट को स्टोर करता है ।
Black Box –
ये पहले काले रंग का होता था और अब नारंगी कलर का होता है क्यों होता है ऐसा इसका भी उद्देश्य है क्योंकि ये आसानी से दिख जाता है ।
इसका आकर shoobox जितना होता है । तथा इसकी बनावट टाइटेनियम या स्टील से बनी रहती है ।जो 1100’C तापमान और 6000 मीटर समुद्र की गहराई तक सहन करने की शक्ति होती है ।
ब्लैक बॉक्स
विमान को उड़ान भरते ही अपनी रिकॉर्डिंग चालू कर देता है और लगभग 25 घंटे तक की आवाज और उड़ान के पिछले 19 घंटे का डाटा सेव रखता है इसे अत्यधिक मजबूत बनाया जाता है ताकि दुर्घटना में भी यह सुरक्षित रहे इसको बनाने में सीएमयू (क्रश सर्वाइवल मेमोरी यूनिट) कहा जाता है
विमान दुर्घटना crash के बाद ब्लैक बॉक्स को कैसे ढूंढते है?
यदि विमान पानी में गिरता है तो ब्लैक बॉक्स लगभग 30 दिनों तक हर सेकंड पर अपना सिग्नल भेजता रहता है जिसे समुद्र के गहराई को नापने वाली यंत्र सोनार डिवाइस से इसे पकड़ा जाता है इसकी रेंज लगभग ढाई किलोमीटर तक की होती है ए अल्ट्रासोनिक सिग्नल प्रदान करती है जिसे अंडरवाटर लोकेटर बेकन कहते हैं ।
सैटेलाइट ट्रैकिंग ?
ब्लैक बॉक्स में एक जीपीएस लगा होता है जिससे उसकी लोकेशन की पता लगाई जाती है।
मैन्युअल सर्चिंग भी करके इसका पता लगते हैं
जैसे दुर्घटना स्थल पर यदि कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो ब्लैक बॉक्स को ढूंढने के लिए मेंटल डिटेक्टर ड्रोन और कुत्तों की शहरा लिया जाता है ।
सबसे महत्वपूर्ण बात क्या है ।
यह ऑफलाइन डिवाइस होता है इसमें किसी भी प्रकार की वायरलेस कनेक्टिविटी नहीं होती है और यह लगभग 99.9% एक्यूरेट होता है और यह हमेशा सही डेटा देता है ।
Deta कैसे पढ़ा जाता है ?
इस डाटा को पढ़ने के लिए डाटा रिकवरी सॉफ्टवेयर की मदद से रिकॉर्डिंग को रिकॉर्ड किया जाता है इस विशेष लाइफ में ही रखा जाता है और इसको एविएशन एक्सपोर्ट इस डाटा को एनालाइज करके दुर्घटना के कारण का पता लगते हैं ।
कुछ प्रसिद्ध विमान दुर्घटना जहां ब्लैक बॉक्स में मदद की थी?
1-इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 814 (1999) अपहरण के दौरान पायलट की बातचीत रिकॉर्ड हुई थी ।
2-मलेशिया एयरलाइंस एम एच 370 2014 में हुई थी और इसमें ब्लैक बॉक्स का पता ही नहीं चल पाया जिसका रहस्य आज भी बना हुआ है
3-Air India flight 182 1985 में हुआ था ब्लैकबाग से पता चला कि विमान में बम विस्फोट हुआ था ।
4-अहमदाबाद इंडियन एयरलाइंस 2025 अभी हाल में हुआ अभी हाल दिनांक 12 जून 2025 को हुआ है जिसमें ब्लैक बॉक्स को कार्रवाई चल रही है। और इस हादसे में लगभग सभी यात्री की मृत्यु हो गई है ।
ब्लैक बॉक्स (FDR & CVR) की स्थिति
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ब्लैक बॉक्स मिल गया है और DGCA (Directorate General of Civil Aviation) द्वारा जांच की जा रही है।
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आवाज़ रिकॉर्डिंग (CVR) से पता चला कि पायलट ने इमरजेंसी कॉल की थी।
पिछले कुछ वर्षों में भारत की प्रमुख विमान दुर्घटनाएँ
तारीख | स्थान | विमान | हताहत |
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7 अगस्त 2020 | कोझिकोड (केरल) | एयर इंडिया एक्सप्रेस | 21 मृत |
12 दिसंबर 2019 | हैदराबाद | बीएसईएस विमान | 2 मृत |
28 फरवरी 2019 | नई दिल्ली | मिग-21 | 1 मृत |
ब्लैक बॉक्स विमान सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न सिर्फ दुर्घटनाओं की वजह बताता है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में भी मदद करता है। अगर कभी कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो ब्लैक बॉक्स की जानकारी ही सच्चाई सामने लाती है।