योग
योग भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है, जिसकी जड़ें हजारों वर्षों पुरानी हैं। यह न केवल शरीर को बलशाली बनाता है, बल्कि मन को भी शांति प्रदान करता है। आज जब पूरा विश्व योग को अपना रहा है, तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस प्राचीन परंपरा को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ न केवल एक राजनीतिक नेता हैं, बल्कि एक आध्यात्मिक पुरुष भी हैं, जिन्होंने योग और ध्यान को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाया है। उनका जीवन संयम, अनुशासन और भारतीय संस्कृति के प्रति निष्ठा का उदाहरण है। वे गोरखनाथ मठ के महंत हैं, जो नाथ संप्रदाय की परंपराओं को आगे बढ़ाता है, जहां योग को साधना का माध्यम माना जाता है।
योग: जीवन का आधार
योगी आदित्यनाथ का मानना है कि योग केवल आसनों का अभ्यास नहीं, बल्कि यह एक सम्पूर्ण जीवन शैली है। उनका कहना है कि योग से व्यक्ति न केवल मानसिक तनाव से मुक्त होता है, बल्कि वह अपने भीतर की ऊर्जा को जाग्रत करके समाज और राष्ट्र के कल्याण में योगदान दे सकता है।
मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने योग को जन-जन तक पहुँचाने के लिए अनेक योजनाएं शुरू कीं। स्कूलों में योग की अनिवार्यता, सरकारी कर्मचारियों के लिए योग सत्र, और आम जनता के लिए योग शिविरों का आयोजन उनके प्रयासों का परिणाम है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर योग का गौरव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस” घोषित किया, तब से योग को विश्व स्तर पर नई पहचान मिली। योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में इस अवसर को एक जनआंदोलन में बदल दिया।
वे स्वयं इस दिन योग करते हैं और जनता को संबोधित करते हैं। उनकी स्पष्ट भाषा और सादा जीवनशैली लोगों को योग के महत्व से जोड़ती है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार
योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के साथ-साथ योग को एक प्रिवेंटिव हेल्थ के रूप में बढ़ावा दिया है। राज्य के विभिन्न आयुष केन्द्रों में योग शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि आधुनिक चिकित्सा के साथ योग और आयुर्वेद का समन्वय हो।
युवा और योग
उत्तर प्रदेश में युवाओं को योग के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यशालाएं, योग ओलंपियाड और कॉलेज स्तर पर कार्यक्रम चलाए गए। इससे योग अब युवाओं के बीच भी आकर्षण का विषय बन चुका है ।
योगी आदित्यनाथ का जीवन स्वयं इस बात का प्रमाण है कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक बल, आत्म-नियंत्रण और सकारात्मक सोच का माध्यम है। उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में योग एक जन-आंदोलन बन गया है।
आज जब लोग भागदौड़ और तनाव से जूझ रहे हैं, योग उन्हें एक शांत, स्वस्थ और संतुलित जीवन की राह दिखा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने इस मार्ग को केवल अपनाया नहीं, बल्कि पूरे समाज को इसके साथ जोड़ने का कार्य किया है।
“योग अपनाएं, स्वस्थ जीवन पाएं” – यह नारा अब उत्तर प्रदेश की पहचान बन चुका है, और इसके पीछे योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प है।